ग्लास फैक्ट्री में कार्मिक की संदिग्ध मौत, परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप परिजनों और ग्रामीणों ने शव लेने से इनकार कर दिया, जिससे काफी देर तक गतिरोध बना रहा। बाद में फैक्ट्री प्रशासन द्वारा आर्थिक सहायता देने पर सहमति बनने के बाद परिजन शव लेने के लिए तैयार हुए। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। जानकारी में सामने आया कि सोनियाणा स्थिति ग्लास फैक्ट्री में कार्यरत सेमलिया निवासी देवीलाल (40) पुत्र मोहनलाल जाट प्रतिदिन की तरह सोमवार दोपहर करीब तीन बजे फैक्ट्री गया। यहां पर रात्रि करीब 8 उसने फैक्ट्री में संचालित हो रही केंटीन मे अपने सहयोगियों के साथ नाश्ता किया। इसके कुछ ही देर बाद फैक्ट्री परिसर में ही वह संदिग्ध परिस्थितियों फांसी पर लटका हुआ मिला। इससे फैक्ट्री में कार्यरत कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। बाद में गंगरार थाना पुलिस को सूचना दी गई। इस पर फैक्ट्री प्रशासन ने गंगरार थाना पुलिस को सूचना दी। पुलिस रात को ही देवीलाल को चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय स्थित श्री सांवलियाजी राजकीय सामान्य चिकित्सालय लेकर आई। चिकित्सकों ने जांच के बाद शव को जिला चिकित्सालय की मोर्चरी में रखवाया। सूचना मिलने के बाद परिजन एवं ग्रामीण देर रात जिला चिकित्सालय पहुंचे। इस मामले में परिजनों ने फैक्ट्री प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए कि उन्हें समय पर सूचना नहीं दी।
इधर, मंगलवार सुबह ग्रामीणों को जानकारी मिली तो बड़ी संख्या में ग्रामीण और क्षेत्र के जनप्रतिनिधि जिला चिकित्सालय में एकत्रित हुए। इस मामले में पूर्व प्रधान देवी सिंह ने बताया कि मामले की परिवार जनों को सूचना नहीं देना फैक्ट्री प्रशासन की लापरवाही दर्शाता है। फैक्ट्री में क्या हुआ इस कर्मचारी के साथ कोई नहीं बता सकता। पूर्व प्रधान ने मांग की है कि इस पूरे घटनाक्रम की निष्पक्ष तरीके से जांच हो और जो भी दोषी है उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई हो। वहीं, इस घटनाक्रम के बाद मंगलवार को जिला चिकित्सालय मोर्चरी के बाहर पुलिस का भारी मात्रा में जाप्ता तैनात रहा। पुलिस उप अधीक्षक प्रभुलाल कुमावत व सीआई डीपी दाधीच ने काफी देर तक समझाईश का प्रयास किया। बाद में फैक्ट्री प्रबंधन की और से मृतक के आश्रितों को आर्थिक सहायता देने, मृतक की पत्नी को पेंशन एवं एक पुत्र को नौकरी देने पर सहमति बनी। इसके बाद ही परिजन शव उठाने के लिए राजी हुए।